चर्तुथ भाव सुख भाव भी कहलाता है, ऐसा कोई भी कारकत्व जिससे सुख मिले वह सब चतुर्थ भाव से लेगे। माता , मां की ममता, मां का सुख, इत्यादि चतुर्थ भाव से देखेगे मातृभूमि, जन्मभूमि, जमीन, वाहन , बंधु इत्यादि चतुर्थ भाव से देखेगे। नोट यात्रा का भाव तीसरा है उससे दूसरे भाव में होने के कारण यह यात्रा के साधन अर्थात वाहन का भाव भी है। इसके कारक ग्रह चंद्र है इसमें गुरु उच्च का और मंगल नीच का होता है। यदि चौथे भाव के शुभ परिणाम प्राप्त करने हो तो मां की सेवा कर लीजिए बुजुर्गो का सम्मान, आशीर्वाद और उनकी सलाह लेकर काम कीजिए धर्म पालन और दयालुता मन में रखे।
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