केंद्रधिपति दोष :– सौम्य ग्रह अगर केंद्र के स्वामी हुए तो अपनी शुभता छोड़ देते है ( अशुभ फल दे जरूरी नहीं) , क्रूर ग्रह केंद्र के स्वामी होने पर अपनी अशुभता छोड़ देते है। सौम्य ग्रह :– गुरु, शुक्र, शुक्ल पक्ष का चंद्र और सौम्य ग्रह के साथ स्थित बुध क्रूर ग्रह :– सूर्य, मंगल , शनि , कृष्ण पक्ष का चंद्र और क्रूर ग्रह के साथ स्थित बुध जब सौम्य ग्रह अपनी शुभता न दे तो वह दोष का निर्माण करता है, केवल गुरु और बुध ऐसे ग्रह है जो एक ही समय में दो केंद्र भावो के स्वामी होगे इसलिए इन्हे केन्द्राधिपति दोष लगता है, ( मिथुन, कन्या, धनु, मीन लग्न में) नोट :– बुध अगर क्रूर ग्रह के साथ हुआ तब मेरे विचार में केन्द्राधिपति दोष में नहीं आएगा क्योंकि तब वह क्रूर होगा।
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