ॐ गुरुवे नमः पहले भाव में जन्म मिला तो दूसरे भाव में हमे जीवन जीने का साधन मिला, तीसरे भाव में हमे निम्न कारक मिले खेलने के लिए छोटे भाई बहन हमारा ध्यान रखने के लिए नौकर शरीर के अंगों में हाथ, गला इत्यादि अपनी बात रखनी शुरू की, समझानी शुरू की यानी कम्युनिकेशन हमारी परफॉर्मेंस और प्रेजेंटेशन जो हमे सर्विस मिली वह भी यही भाव फ्री विल, साहस और पराक्रम भी यही भाव है। नैसर्गिक कुंडली में इसकी राशि मिथुन है जिसका स्वामी बुध है। कारक ग्रह मंगल है। तो जीवन में सफलता पानी हो तो कर लो इस भाव को मजबूत। एक मंत्र है इस भाव का जिसे रखो हमेशा याद "करत करत अभ्यास ते जड़मत होत सुजान रस्सी आवत जात ते सिल पर परत निशान" उर्दू में एक कहावत है जो कि इस भाव पर सबसे सही बैठती है " हिम्मत ए मर्द, मदद ए खुदा" अर्थात जो इंसान खुद हिम्मत करता है ईश्वर भी उसी की मदद करता है। देखो यदि कोई खुद पर भरोसा रखने वाला तो समझो उसका तीसरा भाव अच्छा है। अगर किसी की कम्युनिकेशन स्किल अच्छी है तो समझ लो तीसरा भाव अच्छा है। यदि करना है तीसरा भाव अच्छा तो कर लो खुद पर विश्वास , प्रयास। मंगल भाई , बुध...
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