ज्योतिष के अनुसार घटनाएं जानने के लिए जन्मसमय पर ग्रहों राशियों इत्यादि की स्थिति एक चार्ट के रूप में उतार ली जाती है जिसे जन्म कुंडली BIRTH CHART कहते है। हिन्दुस्तान में यह तीन प्रकार से लिखा जाता है। आज हम एक एक करके
North Indian chart
इस चार्ट को ध्यान से देखिए यह डायमंड की तरह का चार्ट है जिसमे 12 डिब्बेनुमा खाने बने हुए हैं जिन्हे भाव कहते है। सबसे ऊपर जो चकोर डिब्बा है जिसमे 5 लिखा है यह पहला भाव होता है जिसे लग्न भी कहते है अंग्रेजी में यह As के द्वारा दिखाया जाता है अगर नहीं भी दिखाय जाए तो भी यही भाव लग्न होता है। North Indian chart में भाव फिक्स होते है लेकिन राशियां उन भावो में घूमती रहती है जिन्हे नंबर्स से दिखाया जाता है। इस चार्ट में लग्न में 5 नंबर लिखा है जिसका मतलब है यह सिंह लग्न की कुंडली है, इस तरह लग्न फिक्स हैं लेकिन उसमें लिखे नंबर्स नही, यहां 5 के स्थान पर 1 आता तो यह मेष लग्न की कुंडली होती। लग्न में राशि आने के बाद घड़ी की विपरीत दिशा में भाव नंबर और राशि नंबर बढ़ते जाते है जैसे ऊपर कुंडली में लग्न में 5 लिखा है उससे आगे घड़ी की विपरीत दिशा में अगला भाव यानी दूसरा भाव होगा जिसमे राशि संख्या 6 लिखी है इससे आगे तीसरा भाव राशि संख्या 7 है इस तरह से भाव और राशि विपरीत दिशा में बढ़ते है, भाव की गिनती लग्न से हीं होगी लेकिन राशि संख्या बदलती रहेगी।
South Indian chart
इस चार्ट में भी 12 भाव व राशि होती है लेकिन इसमें राशि फिक्स है और भाव बदलते रहते है । यह चार्ट घड़ी की सुई घूमने की दिशा में पढ़ा जाता है। इसमें सबसे ऊपर बाए कोने वाला डिब्बा छोड़कर उससे अगले वाला डिब्बा पहला डिब्बा होता है जो कि मेष राशि है उसमे ur लिखा है, उससे आगे दाई तरफ दूसरी राशि वृषभ होती है इस तरह हर उससे आगे वाले डिब्बे में राशि बढ़ती जाती है इसमें राशि फिक्स है इसलिए राशि नंबर नही लिखे होते, इसमें लग्न के लिए As लिखा होता है या जहां लग्न होता है वहा दो तिरछी लाइन लगी होती हैं। उससे आगे दूसरा भाव, फिर तीसरा भाव इस तरह 12 भावो की गिनती होती है। बीच में जो बड़ा सा डिब्बा होता है उसमें नाम और अन्य डिटेल लिखी जाती है।
East Indian chart
इसमें भी south indian chart की तरह राशि फिक्स होती है और भाव बदलते रहते है लेकिन इसमें राशि और भावो की गिनती north indian chart की तरह घड़ी की विपरीत दिशा में होती है। इसमें सबसे ऊपर बीच में चकोर डिब्बा पहली राशि यानी मेष होती है उसके बाद उसके बाए दूसरी राशि वृषभ और इस तरह सभी राशि एंटी क्लॉक वाइज चलती है और लग्न निर्धारण के लिए इसमें भी As लिखा होता है अथवा कोई विशेष निशान बना होता है। लग्न से एंटी क्लॉक वाइज चलने पर दूसरा भाव, तीसरा भाव इस तरह से 12 भाव होते है।
*इन सभी चार्ट में ग्रह जन्म समय में जिस राशि में होते है उस राशि में लिख दिए जाते है।
*जन्म समय पर पूर्व दिशा में जो राशि उदित होती है वही लग्न कहलाती है।
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