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मंगल 10 भाव कर्क राशि में उपाय

 भगवान कृष्ण जी को सर्वप्रथम नमन।

मंगल क्या है एक योद्धा सेनापति देव सेनापति कार्तिकेय, श्री राम सेना के सेनापति हनुमान जी और धर्म युद्ध महायुद्ध महाभारत में धर्म के प्रतिनिधि पांडवो के सेनापति अर्जुन ही मंगल है।

कर्क राशि क्या है हमारा घर, चंद्र की राशि अर्थात मन का आधिपत्य , दिल से निर्णय लेना । 

दशम भाव क्या है कर्म क्षेत्र, युद्ध क्षेत्र।

एक योद्धा के लिए दिल से निर्णय लेना भारी पड़ जाता है युद्ध क्षेत्र में नीति से निर्णय लिया जाता है इसलिए मंगल कर्क राशि में नीच होते है और दशम भाव में दिग्बली। 

एक योद्धा था अर्जुन महान योद्धा लेकिन एक युद्ध महाभारत में जब सगे संबंधियों को युद्ध क्षेत्र में दोनो तरफ देखा तो विषाद हो गया मंगल दशम भाव में दिग्बल तो हो गया लेकिन छटे घर में और अपने से छटे घर दोनो जगह में मित्र ग्रह गुरु की राशि देखकर इमोशनल हो गया और ले बैठा निर्णय युद्ध न करने का , विषाद हो गया । तब श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश देकर गुरु बनकर अर्जुन को राह दिखाई, वैसे युद्ध क्षेत्र मे गुरु का कोई काम नहीं होता इसलिए नैसर्गिक रूप से गुरु दसवीं राशि में नीच होता है लेकिन कर्क राशि में उच्च का होकर मंगल का नीच भंग कर देता है।

इसलिए कभी मंगल कर्क राशि में हो, दशम भाव में हो या हो कही भी और कोई विषाद हो जाए , कोई राह न दिखाई दे तो पढ़ लो एक बार बार बार , बारंबार श्री मद भागवत गीता, गुरु शनि का अनूठा संगम जो देता है एक योद्धा को एक कर्म करने वाले को , एक पढ़ने वाले को सभी को प्रेरणा।

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